मंजिल परतु रख नजरे गढ़ा,
हिम्मत और जज्वा से तू कदम बढ़ा;
पक्का कर हौसला अप्नेपे कर यकीं;
सच्चाई है साथ जितना अब मुस्किल नहीं|

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